
-
इस मंदिर पर लहराने वाली ध्वजा के बारे में जो कि हमेशा हवा के विपरीत दिशा में ही लहराती है।

-
इस मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र है जिसको कि हम किसी भी दिशा से खड़े होकर देखें तो ऐसा प्रतीत होता है कि इस सुदर्शन चक्र का मुख हमारे ही तरफ है।

-
मंदिर में भगवान को रोजाना 56 तरह का भोजन भोग लगाया जाता है इसके लिए मंदिर में लकड़ी की आंच में भोजन पकाया जाता है। भोजन बनाने के लिए 7 बर्तन एक के ऊपर एक रखे जाते हैं इसमें आश्चर्य वाली बात यह है कि ऊपर वाले बर्तन का भोजन सबसे पहले पक जाता है और नीचे वाले बर्तन का भोजन बाद में पकता है।
-
जगन्नाथ पुरी समुद्र तट पर स्थित है जैसे ही हम मंदिर के सिंहद्वार से एक कदम अंदर की और रखते हैं समुद्र की लहरों की आवाज आना बिल्कुल ही बंद हो जाती हैं और जैसे ही एक कदम बाहर निकालते हैं समुद्र की आवाज दोबारा सुनाई देने लगती है।
-
आपने कई मंदिरों के ऊपर पक्षियों को बैठे हुए देखा होगा लेकिन इस मंदिर के ऊपर कभी कोई पक्षी नहीं बैठता है यहां तक कि कोई हवाई जहाज के इस मंदिर के ऊपर से उड़ान नहीं भरता।

-
जगन्नाथ भगवान का महाप्रसाद कभी भी खत्म नहीं होता है लेकिन जैसे ही मंदिर के पट बंद होते हैं प्रसाद भी खत्म हो जाता है।
-
दिन के किसी भी समय इस मंदिर के मुख्य शिखर की परछाई नहीं बनती।
-
पुजारी मंदिर के 45वें मंजिल के शिखर पर स्थित ध्वजा को रोज बदलता है ऐसा माना जाता है कि यदि एक भी दिन ध्वजा नहीं बदली गई तो यह मंदिर 18 वर्षों के लिए बंद हो जाएगा।
-
आम तौर पर दिन में चलने वाली हवा समुद्र से जमीन की और आती है और शाम के दौरान जमीन से समुद्र की ओर चलती है लेकिन जगन्नाथ पुरी में इसका बिल्कुल विपरीत होता है।
Post Views:
6,915